सिंगरौली में ‘अल्पविराम’ : ठहरकर तलाशा आनंद

सिंगरौली। जिंदगी की तेज़ रफ़्तार में कब खुशी फिसल जाती है, पता ही नहीं चलता। इसी खोए हुए आनंद को फिर से पकड़ने के लिए जिला पंचायत सभागार सिंगरौली में एक दिन का अल्पविराम रखा गया।
यह कोई साधारण कार्यशाला नहीं थी, बल्कि एक ऐसा ठहराव जिसमें लोगों ने खुद से मुलाक़ात की। भारत माता की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण के साथ आरंभ हुआ यह सफ़र धीरे-धीरे आत्ममंथन की ओर बढ़ा। अजीत महतो ने जब कहा— “प्रतिस्पर्धा के इस युग में इंसान का असली आनंद खो गया है, जिसे विश्वास और जीवन प्रबंधन से वापस पाया जा सकता है,” तो पूरे सभागार में सन्नाटा था, मानो हर कोई अपने भीतर झांक रहा हो। मास्टर ट्रेनर कल्पना टाडिया ने बीच-बीच में ऐसे अभ्यास कराए कि प्रतिभागियों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई। पंचायत सचिवों से लेकर महिला बाल विकास की पर्यवेक्षिकाओं तक—हर कोई मानो हल्का हो गया। मुख्य अतिथि विधायक रामनिवास शाह ने जाते-जाते एक पंक्ति कही जो पूरे दिन का सार थी— “स्वयं आनंदित रहिए… और दूसरों को भी आनंदित कीजिए।





